Description
यह पुस्तक एक अंतर्मुखी व्यक्ति की भावना को परिभाषित करती है, जो अपने दोस्तों, प्रेमी, आत्मीय और सबसे महत्वपूर्ण समाज के लिए अपने विचार व्यक्त नहीं कर सकते हैं।
और जीवन के कुछ चरणों के बाद कैसे किसी ने स्वयं को एक आत्म विचलित व्यक्ति में बदल दिया।
ऐसे कई लोग हैं जो उन लोगों के प्रति भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकते हैं, वे परवाह करते हैं, और यह अकेलापन और आंतरिक निराशा धीरे-धीरे उनकी मानसिकता और समाज के प्रति दृष्टिकोंण बदल देती है।
यह पुस्तक उन लोगों के लिए मददगार हो सकती है जो यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वे क्या चाहते हैं और वे किस लायक हैं।
 
				






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